चौंक जाती हो अब भी सुनती हो जब नाम हमारा
याद तुम्हें आता है, अब भी क्या कोई दर्द पुराना
मिले हैं दोस्त नए तुम्हें, है नया उन्माद तुम्हारा
कहाँ तुम्हें फुर्सत है, कि रखो याद तुम दर्द पुराना
मिले हैं ज़ख्म नए कई, गिनती भी अब तो याद नहीं
पर वो मज़ा कहाँ आता है, देता था जो दर्द पुराना
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