आज फिर उसकी याद आयी मुझे
आज फिर दिल में एक कसक उठी
मुरझाने लगा था जो गुलशन
कोई कोयल उसमें चहक उठी
बरसों कहीं दबी हुई एक चिंगारी
आज फिर शोला बनके दहक उठी
उसके बदन की भीनी खुशबू
रोम रोम में मेरे जैसे महक उठी
कौन सा दर्द तुझे याद आया अमित
क्या याद कर आँख तेरी छलक उठी
Bahut khub 😊
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Shukriya !!!
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