एक रोज़ तुम मिलोगे तो पूछूँगा तुम से
क्या मिला तुमको यूँ दिल तोड़ के मेरा ।१।
किस ग़ुरूर से जाते हो ठुकरा के मुझे
क्या जा सकती हो दिल छोड़ के मेरा ।२।
खून का हर क़तरा देगा वफ़ा की गवाही
चाहे तो देख लो दिल निचोड़ के मेरा।३।
कहीं यूँ तो नहीं दिल तोड़ना शौक है तेरा
कितने हुए अब तक दिल जोड़ के मेरा ।४।
नहीं भुला पाया है अब तक यादें तेरी अमित
सोता है उन्हें रात को दिल ओढ़ के मेरा।५।
Beautifully written.
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Thanks a lot !!!
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khubsoorat !!!
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Thanks Namrata…
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