हमने ही क़द्र नहीं की शायद तुम्हारे प्यार की
कोशिश तो की थी तुमने पास आने की ।१।
घड़ी भर के लिए तो बैठो हमारे पहलू में
अभी तो आयी हो, करती हो बात जाने की ।२।
सोचता था उम्र पड़ी है सुलझा लूँगा जब चाहूँ
आज इस डोर की बारी है इतराने की ।३।
बहुत तेज़ है अभी वक़्त की हवाओं का मिज़ाज
मैं इंतज़ार में हूँ बवंडर के थम जाने की ।४।
बहुत कुछ गवाया है तूने, कर हिसाब अमित
क्या रंग लायी है तेरी धुन कमाने की ।५।
Nice
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Thanks !!!
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