कर के मेरी तमाम खुशियाँ फ़ना
पूछते हो हम मुस्कुराते क्यों नहीं ।१।
रात भर करता हूँ इंतज़ार तेरा
अब तुम रातों को सताते क्यों नहीं ।२।
हँसी ही रहती है लबो पर तेरे
अपने ग़म तुम बतलाते क्यों नहीं ।३।
इतना ही प्यार करते हो मुझे
तो आँखों से जतलाते क्यों नहीं ।४।
कब तक छलेंगें सपने अमित
अपने हैं तो अपनाते क्यों नहीं ।५।
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