बीती उम्र करते हुए बातें सबकी
चलो आज अपनी बात करते हैं
हुई मुद्दत अब तो खुद से मिले हुए
आज खुद से मुलाक़ात करते हैं
यूँ तो शांत हवा के झोंके से हैं हम
छेड़ो हमें तो झंझावात करते हैं
सीखा हमने हमेशा वफ़ा निभाना
हैं और जो अपनो पे घात करते हैं
है अभी बाकी हम में दम अमित
ऐलान आज हाज़रात करते हैं
In response to: Reena’s Exploration Challenge # 175